मिलन
देख हमारे रिश्ते को
आज यह ख्याल आया।
तुम समुन्दर हो
और मै हूँ तेरा किनारा।
तुम गाती हुई लहरे हो
और मै हूँ स्वर तुम्हारा
तुम लहराती लहरें हो
और मै हूँ छोड़ तुम्हारा
तुम उड़ती हुई पतंग हो
और मै हूँ डोर तुम्हारा
जब कुदरत ने हमको
है साथ में जोड़ा
फिर कैसे न होता
यह मिलन हमारा।
~अनामिका