मिलन स्थल
मत मिलना
मुझे बीती
यादों और
रीती
कहानियों
में
मत मिलना
मुझे
ख़याली
ख्वाबों
और मंसूबों
में
मिलना मुझे
आज अब
और यहां
के सच्चे और
विशुद्ध
अस्तित्व में
बस
अब ही का
पल है
जो सत है
और अनमोल है
बाकी सब
तिलिस्मी और
निष्प्रयोजन है .
© मीनाक्षी मधुर