मिलन का आभास
पंख अगर होते मेरे पास
रंगों में भर देता पलाश
शब्दों में भर देता उल्लास
नया पैगाम, नई अभिलाष
पंख अगर होते मेरे पास
दूरी है,मजुबरी है,नहीं हूँ हताश
उमंग है,तरंग है,मन में बिश्वास
उड़ आऊंगा,अंतहीन हो चाहे आकाश
पंख अगर होते मेरे पास
शब्द नहीं,व्यक्त हैं विरह का प्रकाश
मन उपवन सा,मरुस्थल सा वास
साथ नहीं, फिर भी साथ होने की आश
पंख अगर होते मेरे पास
कविता नहीं,छंदों में है भावों का विकाश
समझे जो विरह का एहसास
विरह में,मिलन का आभास
सजन