मिलन ऋतु
मिलन ऋतु आयी
दीवानी बरसात,
भीगी भीगी हो गयी,
बौराया मौसम,
छू कर भीगा भीगा
यौवन,
आँखें कजरारी
बहकी बहकी हो गयीं,
होंठ साँसों के
बुदबुदाए,
बद-हवास देह चन्दन
पानी पानी हो गयी,
खिल गए अंग अंग
कलियों के,
महके उपवन उपवन,
बद-मस्त हवा
भीनी भीनी हो गयी,
बंध लाज के
खुल गए अनायास,
पागल चुनरी
झीनी झीनी हो गयी,
मिलन ऋतु आयी,
दीवानी बरसात,
भीगी भीगी हो गयी !!