*मिलने की आरजू*
मिलने की आरजू
मिलने की इस दिल मैं आरजू है एक बार तुम मिलो,,
इस किनारे पर तो साथ हो ही उस पार तुम मिलो,,
तमाम उम्र का भले ही साथ निभाओ न निभाओ,,
आरजू ये ही है कि कुछ कदम राही बन तुम मिलो,,
कोई कब तलक जीये बोझिल जीवन ये बताओ,,
कुछ गुदगुदाओ आज हँसने की आरजू है तुम मिलो,,
नामुमकिन भी मुमकिन हो जाये गर जो चाहो तो,,
यकीन को आजमाने की आरजू हो तो तुम मिलो,,
हर रात ग़मज़दा सी है जाने क्यो तुम बिन मेरी,,
मनु की आरजू है कि हसीन बनाने रात को तुम मिलो,,
मानक लाल मनु