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19 Mar 2024 · 1 min read

मिलती बड़े नसीब से , अपने हक की धूप ।

मिलती बड़े नसीब से , अपने हक की धूप ।
कोई पीये राबड़ी , कोई पीये सूप ।।

भवानी सिंह “भूधर”
बड़नगर , जयपुर

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