“ मिलकर सबके साथ चलो “
डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
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जीवन में कभी
कोई पूर्ण नहीं होता
सारी उम्र सीखने में
गुजर जाती है
फिर भी हम तो
अधूरे रह जाते हैं
हरघड़ी कोई नई
बात नज़र आती है !!
उम्र ,शिक्षा और कौम
विरासत की देन है
ज्ञान का भंडार
संचित परिश्रम से होता है
लंबे तो वृक्षों में
खजूर पेड़ों को मान लें
फिर भी थके -हारे को
छाया नहीं देता है !!
हमें तो सबको लेके
साथ -साथ चलना है
कोई छूटे नहीं राहों में
सहारा हमें बनना है
सभी अपनी – अपनी
मंजिलों को पा लें
उन्हें खुश करके उनके
दिलों में रहना है !!
प्रतिष्ठा है यदि पाना
तुम्हें इस जहां में
सबके हृदय को
स्पर्स करके जीतना होगा
विनम्रता ,शालीनता ,
अनुराग और स्नेह
के मंत्रों को आजन्म तक
इसे रटना होगा !!
बड़े हैं आप तो अपने को
कभी बड़े ना कहो
लोग आपको बड़ा कहे
तो बड़े हो सकते हो
सबके साथ अपनी
जिंदगी खुशहाल बनेगी
परम आनंद का एहसास
आप कर सकते हो !!
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डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका
झारखण्ड
भारत
06.08.2022