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29 Nov 2021 · 1 min read

मिथ्या अभिमान

जाबैत तक समर्थ रहै छै,
अपना के भगवान बुझै छै,

राम नाम मुख नहि आवै,
सुनिते नाम दूर ओ भागै,
जेना नाम सुनि,
डाइन भगै छै…

ज्ञान-विज्ञान के बात उचारै
दंभी ईश्वरक अस्तित्व नकारै
राम भक्त के ढोंगी कहि
दुरे स परनाम करै छै…

अंत समय निकट जे एलइ,
सब सहायक भागि पड़ेलई,
विकासक बात ताक पर राखल,
एकसूर्रे चंडी पाठ करै छै,

अंत काल नै प्रपंच चलै छै,
नै मुखिया, ने सरपंच चलै छै,
विधि के विधान छै सर्वमान्य,
कर्मानुसार सबके अपन-अपन हिसाब भेटै छै…✍

Language: Maithili
1 Like · 1 Comment · 278 Views

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