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23 Jun 2024 · 1 min read

मित्रता

कृष्ण और सुदामा वाली मित्रता मिली होती ।
विरले नसीब वालों को मिलती है ऐसी मित्रता।
प्राय:कुमित्र मिलते हैं , आज कल। कहावत है ना संगत से गुण आत ,संगत से गुण जात।
मित्रता का चुनाव सोच-समझकर करना चाहिए। अच्छी संगत अच्छे मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है। मित्र मिले तो खुशी से झूम उठते हैं। जिससे बातें करने से हिचकते नहीं, अच्छी- बुरी सभी बातें करते हैं। अपनी मनोदशा को खोल कर रख देते हैं। मित्रता होती ही हैं ऐसी।

Language: Hindi
1 Like · 26 Views
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