मित्रता
मित्रता का मोल भला,लगा सकेगा कौन।
मित्रता अनमोल सदा,जान लीजिए मौन।।
मित्रता संबंध सदा,सबसे ऊपर जान।
सुख दुख सदा साथ रहे,मित्र उसे ही मान।।
रहे भावना प्रेम की, सदा मित्र के साथ।
संकट में वो थाम ले,सदा प्रेम से हाथ।।
जग में है ऊपर सदा,मित्रों का व्यवहार।
नही कोई दुराव हो,जीत मिले या हार।।
गुरु सरीखे मित्र मिले, जीवन हो आसान।
वो दिखलाते राह हैं,मिले सदा सम्मान।।