मित्रता दिवस की शुभकामनाएं
तोड़ सकते हैं गगन से भी सितारे
दोस्त सच्चे हों अगर जग में हमारे
ग़म मिले या हो ख़ुशी की बात कोई
दोस्त ही बढ़कर हमें देते सहारे
दोस्त तो रखते नहीं कोई अपेक्षा
इसलिये लगते हमें ये सबसे प्यारे
हो अगर मझदार में कश्ती हमारी
हौसला दे दोस्त ले जाते किनारे
दोस्ती में दिल से दिल ऐसे जुड़े हैं
ख़ून के रिश्ते भी इसके आगे हारे
वक़्त का अहसास भी रहता नहीं है
साथ जब भी दोस्त होते हैं हमारे
‘अर्चना’ होने न देते दोस्त बूढ़ा
हैं हमें संजीवनी से दोस्त सारे
0108-2021
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद