मितव्ययिता
दिनांक 12/6/19
विधा तांका
1
जीवन चले
अविरल सतत
जरूरतें है
रोटी घर कपड़ा
खर्च हो नियंत्रित
2
जीवन गाड़ी
जलती है पैसों से
रोटी कपड़ा
शान और शौकत
खर्च हो मितव्यय
स्वलिखित लेखक
संतोष श्रीवास्तव भोपाल
दिनांक 12/6/19
विधा तांका
1
जीवन चले
अविरल सतत
जरूरतें है
रोटी घर कपड़ा
खर्च हो नियंत्रित
2
जीवन गाड़ी
जलती है पैसों से
रोटी कपड़ा
शान और शौकत
खर्च हो मितव्यय
स्वलिखित लेखक
संतोष श्रीवास्तव भोपाल