मिठास है होली
१. मिठास है होली (गीतिका)
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रिश्तों में घोल देती मिठास है होली।
जिन्दगी का सुन्दर एहसास है होली।
भर देती है घाव सभी दिलों के गहरे,
दूरियां मिटा ले आती पास है होली।
नगर ग्राम बनते सब मथुरा वृन्दावन,
सब जगह रचा देती रास है होली।
हीन भाव खत्म कर देती सबके मन से,
सब में जगाती आत्मविश्वास है होली।
मनों के भाव सब रंगों में निखर जाते,
जीवन का मधुर हास परिहास है होली।
उड़े हवा में खुशियों के रंग बेशुमार,
कभी न होती किसी की उदास है होली।
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२. होली में (गीतिका)
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नया हो सुर ताल होली में।
तभी खिलेगा गुलाल होली में।
नई सोच लेकर निकलें घर से,
मचाएं खूब धमाल होली में।
इन्द्रधनुषी छटा बिखरी भू पर,
रंगों का है कमाल होली में।
कर लेना सभी चाहतें पूरी,
मगर न करना बवाल होली में।
भांग का नशा छाया आंखों पर,
डगमगाई है चाल होली में।
चेहरे निखरें हैं कुछ जिस तरह,
कोई होगा निहाल होली में।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, २२/०३/२०१९