मिट्टी की जय बोल रे मनवा मिट्टी की जय बोल।
मिट्टी की जय बोल रे मनवा मिट्टी की जय बोल।
मिट्टी है अनमोल धरा पर
मिट्टी है अनमोल ।
सुन्दर उपज अन्न फल,
जल पा मुख से फूटें बोल
मिट्टी की जय बोल रे मनवा मिट्टी की जय बोल ।
मिट्टी का तन मिट्टी का मन
मिट्टी ही असली जीवन धन
मिट्टी है पहचान धरा की
मिट्टी से भूगोल ।
मिट्टी की जय बोल रे मनवा मिट्टी की जय बोल ।
धन है मिट्टी निधन है मिट्टी
पूजन अर्चन सृजन है मिट्टी
मिट्टी है संगीत मही का
सुमधुर धुन रस घोल ।
मिट्टी की जय बोल रे मनवा मिट्टी की जय बोल।
मिट्टी है पहचान वीर की
देवपूज्य सुरभित समीर सी
रोली चन्दन औ अवीर सी
मिट्टी में मिलि होवे मिट्टी मत मिट्टी को तोल।
मिट्टी की जय बोल रे मनवा मिट्टी की जय बोल।
अनुराग दीक्षित