मिट्टी का ज़हान
अतीत मिट्टी वर्तमान मिट्टी, मिट्टी का ही ज़हान है,
मिट्टी ही तो बचपनों की, ख़ूबसूरत शान है।
देती जी हमको शरण, अंतकाल के बाद भी,
उस पवित्र मिट्टी को, दिल से मेरा सलाम है।
अतीत मिट्टी वर्तमान मिट्टी, मिट्टी का ही ज़हान है,
मिट्टी ही तो बचपनों की, ख़ूबसूरत शान है।
देती जी हमको शरण, अंतकाल के बाद भी,
उस पवित्र मिट्टी को, दिल से मेरा सलाम है।