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18 Jan 2024 · 1 min read

मिट्टी का बदन हो गया है

मिट्टी का बदन हो गया है।
बहुत पीछे छोड़ आई हूं मैं
तुम्हारी कोठियां और कारें
जिन को तूने बनावाया था
महंगे संगमरमर से
वो संगमरमर जिस पर
पैर फिसलते हैं।
मेरा दम घुटता था वहां
तरस गई थी मैं मिट्टी की
सौंधी महक के लिए
ऐसी ही जमीन से जुड़े रिश्ते
चाहे थे मैंने
जो मिट्टी से तो सने हो
सौंधी सौंधी महक हो
प्यार की
लेकिन तुम नहीं समझे
मुझे अनपढ़ गंवार समझा
और जिस दिन मुझे आभास हुआ
कोई दूसरी है तुम्हारे पास
खुद को मुक्त करके
लौट आई मैं मिट्टी के पास।
आज किसी का इंतजार नहीं
फिर भी इस मिट्टी से जुड़ने के बाद
मिट्टी का बदन हो गया है।

सुरिंदर कौर

Language: Hindi
1 Like · 162 Views
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