मिट्टी का देह, कानून का सम्मान और हमारा फ़र्ज़
विज्ञान भी कहता है,
शरीर में पानी ही पानी है!
आग भी टकरा जाय तो क्या,
आखिर बुझा देंगे?
कितने तन्हा हैं हम,
जिंदगी की इस यात्रा में !
है मिट्टी का देह
और आग से भिड़ गए ?
ऐसे कई लोगों की
प्रशासन से
शिकायत किया हूँ,
जो गलत धंधेबाजी कर
मजे से जीवन काट रहे हैं
और मैं सच्चाई का चबेना
चबा रहा हूँ….
हमारा फ़र्ज़ है
कि गलत व्यक्ति द्वारा
गलत तरीके से
प्राप्त सुख की बुखार को
उतारा जाय,
फिर उसे कानून के
हवाले किया जाय….
कानून का सम्मान करते हुए
किसी भी तरह के
करप्शन के विरुद्ध
लड़ ही जाना चाहिए
और उनका मुँहतोड़ जवाब
देना चाहिए।