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18 Aug 2023 · 1 min read

*मिक्सी से सिलबट्टा हारा (बाल कविता)*

मिक्सी से सिलबट्टा हारा (बाल कविता)
■■■■■■■■■■■■■■■■■■
गुड़िया को ले मेला जाते
चक्की चूल्हा बेलन लाते
चकले पर थी रोटी बिलती
दो-दो रोटी सबको मिलती
मिट्टी की थी सभी रसोई
टूटी तो फिर गुड़िया रोई
— – – – – – – – – – – –
अब हैं खेल- खिलौने न्यारे
प्लास्टिक के दिखते हैं प्यारे
अब है गैस – सिलेंडर भारी
बिजली की चीजें हैं सारी
मिक्सी से सिलबट्टा हारा
गया पुराना युग बेचारा
●●●●●●●●●●●●●●●●●
रचयिताता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

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