माँ
तू जीवन है मेरा ,तू ही मेरा आधार है,,
तुम सूक्ष्म नहीं तो अपरंपार है ,
तेरी परछाईं बनना सौभाग्य है मेरा ,
कैसे शुक्रिया अदा करूं तेरा ,तूने मुझको जन्म दिया ,,,
तू गुरु है मेरा ,तू ही मेरा संसार है ,
तू सूक्ष्म नहीं तो अपरंपार है ,
हर गम में तु मुस्कुरा जाती है ,हर कठिनाई को मिनटों में पार कर जाती है ,,
जीवन की हर रीत तुझसे ही तो सीखी है ,
तू जीवन मेरा ,तू ही खुशियों का संसार है ,,
मां तू सूक्ष्म नहीं तो अपरंपार है,,,,,
कितनी ही रातें तेरी, मेरी अंखियों में कटी है,
डर कर जो पीछे देखूं ,साथ हरदम तू खड़ी है,,
जीवन की कुंजी तू ,तू ही खुशियों का संसार है,,
मां तू सूक्ष्म नहीं ,तू अपरंपार है, तू अपरंपार है,,,,,,