माॅ के गम में
हुई जब विदाई
बना दी पराई
बिछड़े सखी सखा
छूट गया मायका
मां की स्नेह डोर से
रिश्ते रहे जुड़े
नहीं रही मां अंदर कुछ टूटा
मायका दोबारा छूटा
चित्रा बिष्ट
(मौलिक रचना)
हुई जब विदाई
बना दी पराई
बिछड़े सखी सखा
छूट गया मायका
मां की स्नेह डोर से
रिश्ते रहे जुड़े
नहीं रही मां अंदर कुछ टूटा
मायका दोबारा छूटा
चित्रा बिष्ट
(मौलिक रचना)