माॅ की बिन्दी
माॅ तेरी बिंदिया कैसे चमक रही। मानो पूरव दिशा सिमट रही। पहले हल्की काली काली। फिर धूमिल कथ लाली बढती जाती इस पर रंग लाली माॅ तेरी बिंदिया काली काली। जब मां हमको सुलाती। अधियारी बढ जाती ।। नेत्र खुले तो लाली मां तेरी बिन्दी पर लाली लाली। । जब खग करे पुकार लुप हो जग झट पट अधियारी। । बिन्दी पर लाली लाली।।। बढ जाये धीरे धीरे मध्य मध्य पीली धारी।। जग में बढ जाती धीरे धीरे उजियारी। । माॅ मेरी सबसे प्यारी प्यारी। । प्यारी प्यारी मां मेरी सबसे प्यारी। ।