माहोल खराब है, माहोल छोड़ दे l
माहोल खराब है, माहोल छोड़ दे l
राह में अड़चन है, राह मोड़ दे ll
प्यास, सही साथी बुद्धि ओ ज्ञान l
जंग हमेशा नहीं, सही तोड़ है ll
उतरा घाटी और हुआ माटी l
क्षणों होवे होवे, स्वाद घाटी ll
सही होत, सब्जी, दाल, चपाती l
थोड़े से में, बल पाए काठी ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न