माहिया
माहिये
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1
सुन प्यार से तू सजनी,
होने वाली है,
तेरी – मेरी मँगनी।
2
बाँहों में तो आओ,
सावन आ टपका,
प्रेम झूले झुलाओ।
3
सपनों की रानी हो,
मैं उड़ता बगुला,
परियों की रानी हो।
4
मनसीरत होश उड़ा,
मर मिट मैं जाऊं,
चाँद रूपी है मुखड़ा
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली