रिमझिम बरसे सावन
रिमझिम बरसे सावन
छाई हरियाली
मौसम भी मनभावन
जब साजन आएँगे
देखे जो सपने
सब सच हो जाएँगे
मन चूमे आज गगन
छाई हरियाली
मौसम भी मनभावन
लाये साजन कंगन
मेंहदी मुस्काई
चूड़ी बोलीं खन खन
बहका बहका है मन
छाई हरियाली
मौसम भी मनभावन
काले काले बादल
बागों में झूले
उड़ता उड़ता आँचल
झूमे खुश हो तन मन
छाई हरियाली
मौसम भी मनभावन
है मास बड़ा पावन
जप कर बम भोले
कर लो अर्चन वंदन
शिव को प्रिय है सावन
छाई हरियाली
मौसम भी मनभावन
टप टप बरसे पानी
इतराई धरती
सर ओढ़ चुनर धानी
लगती जैसे दुल्हन
छाई हरियाली
मौसम भी मनभावन
17-07-2019
डॉ अर्चना गुप्ता