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25 Jul 2020 · 1 min read

ये हरियाला सावन

ये हरियाला सावन
बहुत सताता है
कब आओगे साजन

काले काले बादल
ठंडी बौछारें
मन को करती पागल
मौसम ये मनभावन
बहुत सताता है
कब आओगे साजन

जब मेघ बरसते हैं
याद तुझे करके
दिन रात तड़पते हैं
रहता व्याकुल ये मन
बहुत सताता है
कब आओगे साजन

यादों के मेले हैं
सबके बीच खड़े
हम मगर अकेले हैं
सूना मन का मधुबन
बहुत सताता है
कब आओगे साजन

बारिश में भीगेंगे
डूब प्रेम में हम
झूले पर झूलेंगे
आ आकर यही सपन
बहुत सताता है
कब आओगे साजन

25-07-2020
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

1 Like · 3 Comments · 466 Views
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