Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Nov 2023 · 1 min read

मासूमियत

मासूमियत देख कर उनकी ,दिल हार बैठे हम।
इक अजनबी चेहरे पर ,सब कुछ वार बैठे हम।

आंखों में उनकी जो देखा ,तो डूबते ही हम गये
कैसे तुमको समझाए , कर तकरार ‌बैठे हम।

बात बात पर कहकहा,ये उनकी‌ थी इक अदा‌
हंसी हंसी‌ में ‌ही‌ बस‌ , कर इकरार बैठे हम।

पलट कर उनका देखना ,ले गया दिल निकाल
हैं उनको भी मोहब्बत, कर एतबार बैठे‌ हम ।

मालूम जब से हुआ है,दिल थाम कर बैठे हैं
पंछी उड़े अपने धाम ,बस इंतजार में बैठे हम ।

सुरिंदर कौर

195 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Surinder blackpen
View all
You may also like:
मेरे मित्र के प्रेम अनुभव के लिए कुछ लिखा है  जब उसकी प्रेमि
मेरे मित्र के प्रेम अनुभव के लिए कुछ लिखा है जब उसकी प्रेमि
पूर्वार्थ
“सुकून”
“सुकून”
Neeraj kumar Soni
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
Rj Anand Prajapati
अधूरी तमन्ना (कविता)
अधूरी तमन्ना (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
अपनेपन की आड़ में,
अपनेपन की आड़ में,
sushil sarna
सौंदर्य मां वसुधा की
सौंदर्य मां वसुधा की
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
3783.💐 *पूर्णिका* 💐
3783.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मुझे अकेले ही चलने दो ,यह है मेरा सफर
मुझे अकेले ही चलने दो ,यह है मेरा सफर
कवि दीपक बवेजा
बे सबब तिश्नगी.., कहाँ जाऊँ..?
बे सबब तिश्नगी.., कहाँ जाऊँ..?
पंकज परिंदा
कहानी घर-घर की
कहानी घर-घर की
Brijpal Singh
नवरात्रि के सातवें दिन दुर्गाजी की सातवीं शक्ति देवी कालरात्
नवरात्रि के सातवें दिन दुर्गाजी की सातवीं शक्ति देवी कालरात्
Shashi kala vyas
बेशक मैं उसका और मेरा वो कर्जदार था
बेशक मैं उसका और मेरा वो कर्जदार था
हरवंश हृदय
शीर्षक - गुरु ईश्वर
शीर्षक - गुरु ईश्वर
Neeraj Agarwal
पर को दुख दे सुख जिन्हें, सुखी रहें वे लोग।
पर को दुख दे सुख जिन्हें, सुखी रहें वे लोग।
डॉ.सीमा अग्रवाल
मैं  तेरी  पनाहों   में  क़ज़ा  ढूंड  रही   हूँ ,
मैं तेरी पनाहों में क़ज़ा ढूंड रही हूँ ,
Neelofar Khan
Stages Of Love
Stages Of Love
Vedha Singh
शादी के बाद में गये पंचांग दिखाने।
शादी के बाद में गये पंचांग दिखाने।
Sachin Mishra
मेरी हर कविता में सिर्फ तुम्हरा ही जिक्र है,
मेरी हर कविता में सिर्फ तुम्हरा ही जिक्र है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
🍁🍁तेरे मेरे सन्देश-7🍁🍁
🍁🍁तेरे मेरे सन्देश-7🍁🍁
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"पारदर्शिता की अवहेलना"
DrLakshman Jha Parimal
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"पँछियोँ मेँ भी, अमिट है प्यार..!"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
* बेटियां *
* बेटियां *
surenderpal vaidya
आप
आप
Bodhisatva kastooriya
लोग कहते हैं कि
लोग कहते हैं कि
VINOD CHAUHAN
دل کا
دل کا
Dr fauzia Naseem shad
"वाह जमाना"
Dr. Kishan tandon kranti
*जीने न दें दो नीले नयन*
*जीने न दें दो नीले नयन*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
उनसे कहना वो मेरे ख्वाब में आते क्यों हैं।
उनसे कहना वो मेरे ख्वाब में आते क्यों हैं।
Phool gufran
*सहकारी-युग हिंदी साप्ताहिक का तीसरा वर्ष (1961 - 62 )*
*सहकारी-युग हिंदी साप्ताहिक का तीसरा वर्ष (1961 - 62 )*
Ravi Prakash
Loading...