Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Nov 2023 · 1 min read

मासूमियत

मासूमियत देख कर उनकी ,दिल हार बैठे हम।
इक अजनबी चेहरे पर ,सब कुछ वार बैठे हम।

आंखों में उनकी जो देखा ,तो डूबते ही हम गये
कैसे तुमको समझाए , कर तकरार ‌बैठे हम।

बात बात पर कहकहा,ये उनकी‌ थी इक अदा‌
हंसी हंसी‌ में ‌ही‌ बस‌ , कर इकरार बैठे हम।

पलट कर उनका देखना ,ले गया दिल निकाल
हैं उनको भी मोहब्बत, कर एतबार बैठे‌ हम ।

मालूम जब से हुआ है,दिल थाम कर बैठे हैं
पंछी उड़े अपने धाम ,बस इंतजार में बैठे हम ।

सुरिंदर कौर

207 Views
Books from Surinder blackpen
View all

You may also like these posts

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
Shekhar Chandra Mitra
बदनाम
बदनाम
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
तजुर्बा
तजुर्बा
Ragini Kumari
दुनिया की यही यही हकीकत है जिसके लिए आप हर वक्त मौजूद रहते ह
दुनिया की यही यही हकीकत है जिसके लिए आप हर वक्त मौजूद रहते ह
Rj Anand Prajapati
"अजातशत्रु"
Dr. Kishan tandon kranti
तू नहीं है तो ये दुनियां सजा सी लगती है।
तू नहीं है तो ये दुनियां सजा सी लगती है।
सत्य कुमार प्रेमी
4101.💐 *पूर्णिका* 💐
4101.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
“विश्वास”
“विश्वास”
Neeraj kumar Soni
बेरोजगार युवा
बेरोजगार युवा
Durgesh Bhatt
मैं भी डरती हूॅं
मैं भी डरती हूॅं
Mamta Singh Devaa
- हमारे अल्फाजों की दुनिया तुमसे शुरू तुम पर ही खत्म -
- हमारे अल्फाजों की दुनिया तुमसे शुरू तुम पर ही खत्म -
bharat gehlot
नाहक ही ख्वाब में जी कर क्या करेंगे ,
नाहक ही ख्वाब में जी कर क्या करेंगे ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
जब मैं लिखता हूँ
जब मैं लिखता हूँ
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रिश्तों का आईना
रिश्तों का आईना
पूर्वार्थ
#विषय उलझन
#विषय उलझन
Rajesh Kumar Kaurav
हर फूल खुशबुदार नहीं होता./
हर फूल खुशबुदार नहीं होता./
Vishal Prajapati
वो कपटी कहलाते हैं !!
वो कपटी कहलाते हैं !!
Ramswaroop Dinkar
*विरोधाभास*
*विरोधाभास*
Pallavi Mishra
आज की बेटियां
आज की बेटियां
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
बस तुमको बताना भूल गए
बस तुमको बताना भूल गए
Jyoti Roshni
मंत्र  :  दधाना करपधाभ्याम,
मंत्र : दधाना करपधाभ्याम,
Harminder Kaur
Time
Time
Aisha Mohan
अर्थ काम के लिए
अर्थ काम के लिए
महेश चन्द्र त्रिपाठी
स्त्री
स्त्री
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
स्वयं के लिए
स्वयं के लिए
Dr fauzia Naseem shad
चार दिन की जिंदगी मे किस कतरा के चलु
चार दिन की जिंदगी मे किस कतरा के चलु
Sampada
आज का चयनित छंद
आज का चयनित छंद"रोला"अर्ध सम मात्रिक
rekha mohan
*भंडारे की पूड़ियॉं, हलवे का मधु स्वाद (कुंडलिया)*
*भंडारे की पूड़ियॉं, हलवे का मधु स्वाद (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...