Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jul 2020 · 2 min read

मासूमियत पर ग्रहण

एक लड़की की जिंदगानी हम सबके लिए कहानी बन गई,
छीन ली गई उससे मासूमियत पर वो अख़बार की शोभा बन गई,
क्या कसूर उस मासूम का किस किए की उसने सजा पाई,
अपनों के ही हाथों से वो जब अपनी आबरू न बचा पाई,
महज़ नौ साल की थी तब दुनिया दारी से अनजान थी,
जिन अपनों को समझती दुनिया वो उनके इरादों से अनजान थी,
बहाना देकर चॉकलेट का करीब वो उसके आ गया,
अपने नापाक इरादों को हकीकत करने में जुट गया,
बेपरवाह वो इन बातों से सही गलत का फर्क न पहचान पाई,
पर इस हादसे ने उसकी मासूमियत पर गंदगी की जंग लगाई,
सुनाया इस हादसे का वृतांत जब उसने अपने मां बाप को,
इसके बाद भी समाज के डर ने सब पर ख़ामोशी की मोहर लगाई,
जिसने किया गलत वो समाज में बेख़ौफ़ हो कर घूम रहा,
और जिसने सहा यह वो बचपन ख़ामोशी की चादर ओढ़े डर में जी रहा,
उड़ान भरने को जो तैयार हुए पंख वो अब किसी कोने में ख़ामोश हो गए,
सपने देखे जो नन्ही आंखो ने अब वो अंधेरी रात में दम तोड रहे,
कहानी यह नहीं एक लड़की की हज़ारों लड़कियां आज भी इससे गुजर रही,
इंसानियत और मासूमियत दोनों ही समाज के आगे सर झुका रही,
हारी थी अब तक मासूमियत अब इंसानियत भी हार गई,
जब रिश्तों की भीड़ में एक नन्ही कली खिलने से पहले ही टूट गई,
कसूर था उस मासूम का उसने अपनों में जहां और खुदा को देखा,
उसके इसी कसूर ने उससे उसके बचपन यौवन खुशी और सपनों का घर छीना।

Language: Hindi
5 Likes · 635 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
'शत्रुता' स्वतः खत्म होने की फितरत रखती है अगर उसे पाला ना ज
'शत्रुता' स्वतः खत्म होने की फितरत रखती है अगर उसे पाला ना ज
satish rathore
उस रावण को मारो ना
उस रावण को मारो ना
VINOD CHAUHAN
आज कल इबादते इसी कर रहे है जिसमे सिर्फ जरूरतों का जिक्र है औ
आज कल इबादते इसी कर रहे है जिसमे सिर्फ जरूरतों का जिक्र है औ
पूर्वार्थ
हर किसी के लिए मौसम सुहाना नहीं होता,
हर किसी के लिए मौसम सुहाना नहीं होता,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इक चाँद नज़र आया जब रात ने ली करवट
इक चाँद नज़र आया जब रात ने ली करवट
Sarfaraz Ahmed Aasee
है तो है
है तो है
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
💞मंजिल मिले ना मिले ✨💕
💞मंजिल मिले ना मिले ✨💕
Rituraj shivem verma
उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
Ashwini sharma
संस्कार और शिक्षा
संस्कार और शिक्षा
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
अजीज़ सारे देखते रह जाएंगे तमाशाई की तरह
अजीज़ सारे देखते रह जाएंगे तमाशाई की तरह
_सुलेखा.
पहचान
पहचान
surenderpal vaidya
आत्मविश्वास
आत्मविश्वास
Shyam Sundar Subramanian
इंतजार बाकी है
इंतजार बाकी है
शिवम राव मणि
All you want is to see me grow
All you want is to see me grow
Ankita Patel
अहाना छंद बुंदेली
अहाना छंद बुंदेली
Subhash Singhai
रमेशराज की एक तेवरी
रमेशराज की एक तेवरी
कवि रमेशराज
आ
*प्रणय*
अंधभक्तों से थोड़ा बहुत तो सहानुभूति रखिए!
अंधभक्तों से थोड़ा बहुत तो सहानुभूति रखिए!
शेखर सिंह
मतदान जरूरी है - हरवंश हृदय
मतदान जरूरी है - हरवंश हृदय
हरवंश हृदय
कलरव करते भोर में,
कलरव करते भोर में,
sushil sarna
4443.*पूर्णिका*
4443.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गुजिश्ता साल तेरा हाथ, मेरे हाथ में था
गुजिश्ता साल तेरा हाथ, मेरे हाथ में था
Shweta Soni
"" *इबादत ए पत्थर* ""
सुनीलानंद महंत
हुआ दमन से पार
हुआ दमन से पार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
हम  चिरागों  को  साथ  रखते  हैं ,
हम चिरागों को साथ रखते हैं ,
Neelofar Khan
ख़्वाहिशें
ख़्वाहिशें
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
"सबक"
Dr. Kishan tandon kranti
स्वर्गीय लक्ष्मी नारायण पांडेय निर्झर की पुस्तक 'सुरसरि गंगे
स्वर्गीय लक्ष्मी नारायण पांडेय निर्झर की पुस्तक 'सुरसरि गंगे
Ravi Prakash
आँखों में अब बस तस्वीरें मुस्कुराये।
आँखों में अब बस तस्वीरें मुस्कुराये।
Manisha Manjari
वायरल होने का मतलब है सब जगह आप के ही चर्चे बिखरे पड़े हो।जो
वायरल होने का मतलब है सब जगह आप के ही चर्चे बिखरे पड़े हो।जो
Rj Anand Prajapati
Loading...