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26 May 2023 · 1 min read

मालिक मेरे करना सहारा ।

आँखो से तुम ओझल हो,
मन से ही तुम दिखते हो,
करते हैं भक्ति, हे मालिक !
सहारे तेरे रहते है।

तेरी मर्जी है इस जग में,
तेरी कृपा से जीते है,
व्याप्त तुम सर्वत्र हो मालिक,
प्रेम तुझी से करते है।

दुःख को तुम ही हरने वाले,
सुख के तुम ही मालिक हो,
दाता जग के तुम ही हो सब,
तुझ में हम सब बसते।

परम परमेश्वर परमात्मा हो,
हम सब तेरे अंश है,
ज्योति से ज्योति जो जली,
उस ज्योति के तुम मालिक हो।

मालिक मेरे करना सहारा,
हम प्राणी एक सेवक है,
श्रद्धा विश्वास रखते तुझमें,
तेरी आशा से जीवन जीते हैं।

रचनाकार-
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर।

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