मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी सियाराम विवाह महोत्सव
मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी सियाराम विवाह महोत्सव
अवध पुरी से जनक पुरी तक,घर घर बजे बधैया
सज्जित सारे महल अटारी, मंदिर और अथैया
मंगल गीत सजे अधरों पर, उल्लासित नर नारी
जनक नंदनी सिया राम की, दिव्य छवि रहे निहारी
हंसी ठिठोली मंगल गान,सोहर गीत गीत बधाई
उल्लासित मिथिला नगरी की, शोभा वरनि न जाई
ब़ंम्ह सुखों में डूबे हैं,वाराती और घराती
साधु संत भक्त उतारें, दूल्हा दुल्हन की आरती
सुरेश कुमार चतुर्वेदी