*मारा लो रावण गया, रामचंद्र के हाथ (कुंडलिया)*
मारा लो रावण गया, रामचंद्र के हाथ (कुंडलिया)
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मारा लो रावण गया, रामचंद्र के हाथ
आश्विन दशमी शुक्ल शुभ, विजय सत्य के साथ
विजय सत्य के साथ, जली सोने की लंका
पवन-पुत्र हनुमान, बजाते प्रभु का डंका
कहते रवि कविराय, घमंडी रावण हारा
धन्य धन्य कपि-सैन्य, जिन्होंने रावण मारा
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451