माय
माय
माय तोहर प्रेम
प्रेम पीड़ बनैत हैय।
माय
माय तोहर प्रेम
प्रेम सपना बनैत हैय।
माय
माय तोहर प्रेम
प्रेम आंसू बनैत हैय।
माय
माय तोहर प्रेम
प्रेम भय बनैत हैय।
माय
माय तोहर प्रेम
प्रेम मुक्त करैत हैय।
माय
माय तोहर प्रेम
प्रेम चान तारो में दिखैत हैय।
माय
माय तोहर प्रेम
रामा प्रेम सपना में दिखैत हैय।
स्वरचित © सर्वाधिकार रचनाकाराधीन।
-आचार्य रामानंद मंडल सामाजिक चिंतक सीतामढ़ी।