मान – अपमान में न उलझो
1.
मान – अपमान में न उलझो
उपासक बन प्रभु की
शरण में जाओ
आध्यात्म का लेकर सहारा
मोक्ष मार्ग पर बढ़ते जाओ
2.
ईर्ष्या भाव को मन से त्यागो
नैतिकता की राह पधारो
जन मानस की पीड़ा समझो
मानवता की राह पधारो
1.
मान – अपमान में न उलझो
उपासक बन प्रभु की
शरण में जाओ
आध्यात्म का लेकर सहारा
मोक्ष मार्ग पर बढ़ते जाओ
2.
ईर्ष्या भाव को मन से त्यागो
नैतिकता की राह पधारो
जन मानस की पीड़ा समझो
मानवता की राह पधारो