मानुष जे आज आर नेय गो मानुष………….????
स्वतंत्रता मिली किस्से हमें
परम्परा आज भी पुरानी है
देख कर इंसानों की फजीहत,
आयी फिर आंख में पानी है।।
बदरंगी लिबास में ढकी हुई
वही गंदी सी आनाकानी है,
दूर हुई मानवता मानव से
क्या यही सच्ची कहानी है।।
स्वतंत्रता मिली किस्से हमें
परम्परा आज भी पुरानी है, 2
शीर्षक का मतलब :- मानव आज मानव नहीं रहा।।।
::बिमल रजक::