मानुषी
मन आज हो उठा विह्वल है
हर जगह आज यह हलचल है
भारत की बेटी “छिल्लर” है
विश्व पटल पर सौंदर्य सुंदरी अव्वल है
मानो एक सफल भावना है
बेटी भी अब नव भारत की प्रस्तावना है
हरियाणा की भूमि जो शुष्क हो चुकी बेटी क्रंदन की किलकारी से
मानो नव अंकुर फूटा हो “मानुषी” की फुलवारी से
बेटी भी अपना गौरव है सौंदर्य ,रूप तो प्रतिफल है
भारत की मिट्टी उर्वर है बस उसे संजोना प्रतिपल है
मन आज हो उठा विह्वल है
भारत की बेटी “छिल्लर” है।