माना डगर कठिन है, चलना सतत मुसाफिर।
माना डगर कठिन है, चलना सतत मुसाफिर
आयेगी पास मंजिल चलकर के खुद ही आखिर।
तेरे साथ चांद तारे तेरे साथ ये जमीं है
तुझे सब दिया खुदा नें तेरे पास क्या कमीं है
बढ़ चल न देख छाले बढ़ चल न देख पत्थर
हिम्मत जुटा के बढ़ चल सब फूल तेरी खातिर
माना डगर कठिन है चलना सतत मुसाफिर
आयेगी पास मंजिल चलकर के खुद ही आखिर ।
मेहनत है तेरी पूजा मेहनत तेरी तपस्या
सुख देखती है दुनिया देखे कौन समस्या
मंजिल करे इशारे हल होंगे प्रश्न सारे
कर ले जो पूरी कोशिश,
हर शय है तुझको हाजिर
माना डगर कठिन है चलना सतत मुसाफिर
आयेगी पास मंजिल चलकर के खुद ही आखिर ।