माना कि मैं खूबसूरत नहीं
माना की मैं इतनी खूबसूरत नहीं हूं ।
फिर भी तुम कह न पाओगे कभी,
मैं तुम्हारी ज़रूरत नहीं हूं ।
माना की मेरा दबा हुआ है रंग
मगर हर मुश्किल वक्त में
हर दम मैं होती हूं तेरे संग।
माना की मैं पढ़ी लिखी नही हूं
संभाला मैंने तेरा घर परिवार
इसलिए मैं अपनी जगह सही हूं।
मेरे जीवन के लिए इतने मापदंड
तय करने वाले हो तुम कौन?
सुनो ,अब मैं नहीं रहने वाली मौन ।
सुरिंदर कौर