मानसिक तनाव
दोस्तों मेरा अनुभव कहता है कि अधिकांश समय तनाव का मुख्य कारण काम का समय से पूरा नहीं करना होता है, जिससे हमें मानसिक तनाव होता है, हमें अवचेतन मन में पता होता है कि हमें अमुक काम करना है, या पूरा करके देना है, फिर वो चाहे घर का हो या कार्य क्षेत्र का, लेकिन हम रहे हिंदुस्तानी, अपनी आदतों से मजबूर, जिनको ज्यादातर काम को टालने की आदत होती है, काम का पूरा ना होने का रोना रोते रहेंगे, पर समय से पूरा नहीं करेंगे। और वही तनाव का कारण बनती है। जबकि सबको पता होता है कि ये कार्य समय अवधि में करना है, और वही काम का पूरा ना होना हमारे दिल और दिमाग में हावी होता जाता है। जो तनाव का मुख्य कारण बनता है।
दूसरा तनाव हमें अपनी शारीरिक परेशानियों और रोगों को लेकर होता है, जब हम अनावश्यक ही बीमारियों और लक्षणों को सोच सोच कर अपने शरीर और दिमाग का दही बनाते रहते हैं कि कहीं मुझे कैंसर तो नहीं हो गया, कहीं मुझे डायबिटीज,दिल की बीमारी या थायराइड तो नहीं हो गयी, आदि आदि…जरुरी है कि अगर तनाव हो रहा है किसी बीमारी की आशंका को लेकर तो जाकर जरूरी रक्त जांच या रेडियोलॉजी जांच करवाएं, पर नहीं, बैठे बैठे कूप मंडूक की तरह बीमारी से या दर्द से परेशान रहेंगे पर जाकर टैस्ट नहीं करवायेंगे, तनाव और बीमारी का वहम और अधिक सोच-विचार करने से अच्छा है कि जाकर जरूरी जांच करवाएं ताकि वहम का इलाज हो सके। और अनावश्यक तनाव पैदा करते रहेंगे। जो इनके दिल और दिमाग दोनों को तनाव देता है।
बहुत से केस में पैसे की कमी तनाव का मुख्य कारण बनती है, इसमें भी दो कैटागिरी के लोग हैं, एक वो जिन्होंने सोच लिया है कि हम तो गरीब हैं हम पर पैसा कहां से आयेगा, इन्होंने अपनी सोच और सपनों को मार लिया है, कि जितनी चादर, उतना ही पैर फैलाओ। पर जिंदगी में पैसे के अभाव का तनाव है, लेकिन संकुचित सोच के कारण तनाव में जीना सीख लिया है, और संतुष्ट हैं। दूसरी ओर महत्वाकांक्षी लोग जिनके सपने और आशायें आसमान छूने जैसी है, पर पैसे का अभाव तनाव पैदा करता है, तो ये लोग सब कुछ जानते हुए भी गरीब बनकर रहना चाहते हैं, जबकि ज्ञात है कि गरीब पैदा होना बुरा नहीं, पर पड़े लिखे और कुशलता, बुद्धि से परिपूर्ण होकर भी उसी में जीना कहां तक तर्कसंगत है। और उसके लिए जो जरूरत है, मेहनत, लगन, प्लानिंग, कौशल, दृढ़ता की, वो ये लोग होते हुए भी करते नहीं, और यही उनकी महत्वाकांक्षा तनाव का कारण बनती है।
सुनील माहेश्वरी