Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 May 2024 · 2 min read

मानसिक तनाव

दोस्तों मेरा अनुभव कहता है कि अधिकांश समय तनाव का मुख्य कारण काम का समय से पूरा नहीं करना होता है, जिससे हमें मानसिक तनाव होता है, हमें अवचेतन मन में पता होता है कि हमें अमुक काम करना है, या पूरा करके देना है, फिर वो चाहे घर का हो या कार्य क्षेत्र का, लेकिन हम रहे हिंदुस्तानी, अपनी आदतों से मजबूर, जिनको ज्यादातर काम को टालने की आदत होती है, काम का पूरा ना होने का रोना रोते रहेंगे, पर समय से पूरा नहीं करेंगे। और वही तनाव का कारण बनती है। जबकि सबको पता होता है कि ये कार्य समय अवधि में करना है, और वही काम का पूरा ना होना हमारे दिल और दिमाग में हावी होता जाता है। जो तनाव का मुख्य कारण बनता है।

दूसरा तनाव हमें अपनी शारीरिक परेशानियों और रोगों को लेकर होता है, जब हम अनावश्यक ही बीमारियों और लक्षणों को सोच सोच कर अपने शरीर और दिमाग का दही बनाते रहते हैं कि कहीं मुझे कैंसर तो नहीं हो गया, कहीं मुझे डायबिटीज,दिल की बीमारी या थायराइड तो नहीं हो गयी, आदि आदि…जरुरी है कि अगर तनाव हो रहा है किसी बीमारी की आशंका को लेकर तो जाकर जरूरी रक्त जांच या रेडियोलॉजी जांच करवाएं, पर नहीं, बैठे बैठे कूप मंडूक की तरह बीमारी से या दर्द से परेशान रहेंगे पर जाकर टैस्ट नहीं करवायेंगे, तनाव और बीमारी का वहम और अधिक सोच-विचार करने से अच्छा है कि जाकर जरूरी जांच करवाएं ताकि वहम का इलाज हो सके। और अनावश्यक तनाव पैदा करते रहेंगे। जो इनके दिल और दिमाग दोनों को तनाव देता है।

बहुत से केस में पैसे की कमी तनाव का मुख्य कारण बनती है, इसमें भी दो कैटागिरी के लोग हैं, एक वो जिन्होंने सोच लिया है कि हम तो गरीब हैं हम पर पैसा कहां से आयेगा, इन्होंने अपनी सोच और सपनों को मार लिया है, कि जितनी चादर, उतना ही पैर फैलाओ। पर जिंदगी में पैसे के अभाव का तनाव है, लेकिन संकुचित सोच के कारण तनाव में जीना सीख लिया है, और संतुष्ट हैं। दूसरी ओर महत्वाकांक्षी लोग जिनके सपने और आशायें आसमान छूने जैसी है, पर पैसे का अभाव तनाव पैदा करता है, तो ये लोग सब कुछ जानते हुए भी गरीब बनकर रहना चाहते हैं, जबकि ज्ञात है कि गरीब पैदा होना बुरा नहीं, पर पड़े लिखे और कुशलता, बुद्धि से परिपूर्ण होकर भी उसी में जीना कहां तक तर्कसंगत है। और उसके लिए जो जरूरत है, मेहनत, लगन, प्लानिंग, कौशल, दृढ़ता की, वो ये लोग होते हुए भी करते नहीं, और यही उनकी महत्वाकांक्षा तनाव का कारण बनती है।
सुनील माहेश्वरी

Language: Hindi
Tag: लेख
3 Likes · 1 Comment · 135 Views

You may also like these posts

कैद परिंदें
कैद परिंदें
Santosh Soni
*बन्नो की सगाई*
*बन्नो की सगाई*
Dr. Vaishali Verma
‘ विरोधरस ‘---11. || विरोध-रस का आलंबनगत संचारी भाव || +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---11. || विरोध-रस का आलंबनगत संचारी भाव || +रमेशराज
कवि रमेशराज
********* प्रेम मुक्तक *********
********* प्रेम मुक्तक *********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
औरों की तरह हर्फ़ नहीं हैं अपना;
औरों की तरह हर्फ़ नहीं हैं अपना;
manjula chauhan
मौसम
मौसम
surenderpal vaidya
ये ज़िंदगी.....
ये ज़िंदगी.....
Mamta Rajput
" हवाएं तेज़ चलीं , और घर गिरा के थमी ,
Neelofar Khan
*जमीं भी झूमने लगीं है*
*जमीं भी झूमने लगीं है*
Krishna Manshi
नरसिंह अवतार
नरसिंह अवतार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मैंने क़ीमत
मैंने क़ीमत
Dr fauzia Naseem shad
जय मां शारदे
जय मां शारदे
Harminder Kaur
सुन्दरता की कमी को अच्छा स्वभाव पूरा कर सकता है,
सुन्दरता की कमी को अच्छा स्वभाव पूरा कर सकता है,
शेखर सिंह
"बात अपनो से कर लिया कीजे।
*प्रणय*
इनको साधे सब सधें, न्यारे इनके  ठाट।
इनको साधे सब सधें, न्यारे इनके ठाट।
गुमनाम 'बाबा'
गहरे जख्म
गहरे जख्म
Ram Krishan Rastogi
अमृत और विष
अमृत और विष
Shekhar Deshmukh
क्या कहें
क्या कहें
Padmaja Raghav Science
*हम नाचेंगे*
*हम नाचेंगे*
Rambali Mishra
बस करो, कितना गिरोगे...
बस करो, कितना गिरोगे...
डॉ.सीमा अग्रवाल
सून गनेशा
सून गनेशा
Shinde Poonam
" फेसबूक फ़्रेंड्स "
DrLakshman Jha Parimal
संग तेरे रहने आया हूॅं
संग तेरे रहने आया हूॅं
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
"अविस्मरणीय"
Dr. Kishan tandon kranti
कितनी बूंदों से मिलकर
कितनी बूंदों से मिलकर
पूर्वार्थ
3228.*पूर्णिका*
3228.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चढ़ते सूरज को सदा,
चढ़ते सूरज को सदा,
sushil sarna
Packers and movers in Jind |Movers and Packers in Jind
Packers and movers in Jind |Movers and Packers in Jind
Hariompackersandmovers
जो हुआ, वह अच्छा ही हुआ
जो हुआ, वह अच्छा ही हुआ
gurudeenverma198
“सन्धि विच्छेद”
“सन्धि विच्छेद”
Neeraj kumar Soni
Loading...