Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jun 2024 · 1 min read

“मानव-धर्म”

मिटे भेद, असमानता,
यही हमारा कर्म।
सर्वहिते, आचार हो,
यही, हमारा थर्म।।

उर में हो सद्भावना,
जीवन का यह मर्म।
शान्त भाव हो वार्ता,
कभी, न होवें गर्म।।

ज्ञान और विज्ञान ही,
है विकास का मन्त्र।
कट्टरता पनपे नहीं,
ऐसा, हो कुछ तन्त्र।।

जात-पाँत खाईं बड़ी,
ऊँच-नीच सब व्यर्थ।
प्रेम शाश्वत सार है,
किँचत, हो न अनर्थ।।

न्याय व्यवस्था हो त्वरित,
अगणित इसमें गर्त।
क्षमादान के शील से,
खुलें, हृदय के पर्त।।

पीड़ित की सेवा प्रथम ,
रखेँ स्वयं को व्यस्त।
वँचित कोई ना रहे,
रहे, न कोई त्रस्त।।

त्याग और बलिदान ही,
है सबको अनुमन्य।
एकलव्य से हो गई,
गुरू-दक्षिणा धन्य।।

ज्ञान और विज्ञान ही
है विकास का मन्त्र।
कट्टरता पनपे नहीं,
ऐसा, हो कुछ तन्त्र।।

शबरी के सत्कार पर,
करें हमेशा गर्व।
हेल-मेल, सौहार्द्र हो,
मनें, इस तरह पर्व।।

यूरोप, भले अमेरिका,
मणिपुर हो या विदर्भ।
वासुधैव कुटुम्बकम्,
उचित, आज सन्दर्भ।।

पलेँ-बढ़ें सुविचार बस,
खाएं मूल अरु कन्द।
“आशा”-दीप जलेँ सदा,
होँ, पुलकित सब वृन्द..!

##————##————##

Language: Hindi
5 Likes · 5 Comments · 105 Views
Books from Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
View all

You may also like these posts

राजतंत्र क ठगबंधन!
राजतंत्र क ठगबंधन!
Bodhisatva kastooriya
।। आरती श्री सत्यनारायण जी की।।
।। आरती श्री सत्यनारायण जी की।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
डर लगता है
डर लगता है
Dr.Pratibha Prakash
HITCLUB là cổng game bài trực tuyến đẳng cấp với trang chủ c
HITCLUB là cổng game bài trực tuyến đẳng cấp với trang chủ c
HIT CLUB
इश्क़ में  क्या अज़ाब है साहिब,
इश्क़ में क्या अज़ाब है साहिब,
पंकज परिंदा
क्या ये गलत है ?
क्या ये गलत है ?
Rakesh Bahanwal
काट रहे तुम डाल
काट रहे तुम डाल
RAMESH SHARMA
गुरु हो साथ तो मंजिल अधूरा हो नही सकता
गुरु हो साथ तो मंजिल अधूरा हो नही सकता
Diwakar Mahto
गुलाल का रंग, गुब्बारों की मार,
गुलाल का रंग, गुब्बारों की मार,
Ranjeet kumar patre
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
#शेर-
#शेर-
*प्रणय*
जोकर
जोकर
Neelam Sharma
*पृथ्वी दिवस*
*पृथ्वी दिवस*
Madhu Shah
।। मति बदली , जीवन बदला ।।
।। मति बदली , जीवन बदला ।।
पूर्वार्थ
3212.*पूर्णिका*
3212.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
माँ में दोस्त मिल जाती है बिना ढूंढे ही
माँ में दोस्त मिल जाती है बिना ढूंढे ही
ruby kumari
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
इश्क की गलियों में
इश्क की गलियों में
Dr. Man Mohan Krishna
चूहों की चौकड़ी
चूहों की चौकड़ी
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
*इस बरस*
*इस बरस*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
" मौत "
Dr. Kishan tandon kranti
मेरा देश , मेरी सोच
मेरा देश , मेरी सोच
Shashi Mahajan
बच्चो की कविता -गधा बड़ा भोला
बच्चो की कविता -गधा बड़ा भोला
अमित
है कौन वहां शिखर पर
है कौन वहां शिखर पर
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
कहानी- 'भूरा'
कहानी- 'भूरा'
Pratibhasharma
टूटते सितारे से
टूटते सितारे से
हिमांशु Kulshrestha
उड़ान मंजिल की ओर
उड़ान मंजिल की ओर
नूरफातिमा खातून नूरी
कोई और ठिकाना न मिलेगा
कोई और ठिकाना न मिलेगा
Jyoti Roshni
मन मर्जी के गीत हैं,
मन मर्जी के गीत हैं,
sushil sarna
* लोकार्पण *
* लोकार्पण *
surenderpal vaidya
Loading...