मानव जीवन में तर्पण का महत्व
मानव जीवन अमूल्य है , यह हमारे पूर्व जन्म के सत्कार्य का परिणाम है , जब मानव प्राप्त होता है । ईश्वर ने मानव जीवन दे कर ईश्वर आराधना, सत्कार्य , परमार्थ का मौका दिया है, जिसका लाभ हर मानव को उठाना चाहिए।
भारतीय पुराण, संस्कृति में हर पहलू का सूक्ष्म अध्ययन किया गया है , इसी आधार पर मानव पर धारित ऋणों का विचार किया है । यह मानव की जिम्मेदारी है , कि वह अपने इसी जीवन में ऋण मुक्त हो , इसके लिए शास्त्र सम्मत तरीकों से उपाय किये जाये ।
इसी क्रम में श्राद्ध पक्ष में विधि-विधान से अपने पूज्य पितरों का तर्पण किया जाये ।
तर्पण के माध्यम से हम अपने सभी ऋणों के निवारण पर भी विचार करते है और तर्पण के माध्यम से उनका आवाह्न करते हुए , ऋण मुक्ति और अपना परिवार, समाज और देश की सुख, समृद्धि की कामना करते है , पितरों से आषीश प्राप्त करते है ।
संतोष श्रीवास्तव भोपाल