**मानव ईश्वर की अनुपम कृति है….
ईश्वर की अनुपम कृति हो,
स्वागत करो नव प्रभात का।
संध्या की शीतल बेला में,
स्वागत करो अंधकार का।
अंधकार का अस्तित्व न होता,
तो प्रकाश होता ही नहीं।
कर्तव्य न करता यदि कोई तो,
अधिकार कभी होता ही नहीं।
दुख है तभी,सुख की सत्ता है,
असत्य है तभी,सत्य की सत्ता है।
जीवन में सुख पाना है तो,
दुख को भी सहना सीखो।
जो जैसा है,उसको वैसा ही देखो,
भ्रम की रात कट जायेगी।
उम्मीद का फूल खिलेगा,
मंजिल तुमको मिल जायेगी।
सदुपयोग ही सुख है,
दुरूपयोग ही दुख का कारण है।
मानवता की रक्षा करना,
अधिकार प्राप्ति का कारण है।।