मानव इस संसार में
कुण्डलिया
मानव इस संसार मे,करें कर्म का योग।
बाढ़ ग्रस्त इस विश्व में,देश करें सहयोग।
देश करें सहयोग,,बचाये जन बहुभाँती।
कोरोना का काल,मिटाये मानव थाती।
कहें प्रेम कवि राय, दुःखी होते हो नितनव।
कोरोना औ बाढ़, करते नित हानि मानव।
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम