Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2024 · 1 min read

मानवता

हमें आपस में मिलकर रहना है।
नहीं बेकार में ही हमें दहना है।

जिंदगी चार दिन मिली हमको
इसको यूँ बेकार नहीं करना है।

हम सभी एक हैं बस इसे माने
हमको आपस में नहीं लड़ना है।

धर्म सब एक ही पथ के पथिक
इनको बस साथ साथ रखना है।

बाँटा है भगवान को बहुरूपों में
रूप तो बस एक मगर रहना है।

सुन्दर -सी दुनिया है सँवारें इसे
कलह का जाल नहीं बुनना है।

दिखायें राह आने वाले कल को
हमको बस सत्यपथ ही चुनना है।

बंद आँखों से कब चलती दुनिया
हमको इतिहास यह बदलना है।

मानवता ही धर्म हो सारे जगका
इक यही पंथ सबको गहना है।

आँख के आँसुओं को पोंछे हम
नीर नयनों में नहीं हमें भरना है।

बने बगिया ये खिलते फूलों की
जगत सारा ये ऐसे ही सजना है।

हम हैं मानव रहें मिलकर सभी
हम सभी एक हैं यही कहना है।

डाॅ सरला सिंह “स्निग्धा”
दिल्ली

Language: Hindi
30 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
विद्यार्थी के मन की थकान
विद्यार्थी के मन की थकान
पूर्वार्थ
यौम ए पैदाइश पर लिखे अशआर
यौम ए पैदाइश पर लिखे अशआर
Dr fauzia Naseem shad
रख लेना तुम सम्भाल कर
रख लेना तुम सम्भाल कर
Pramila sultan
एकतरफ़ा इश्क
एकतरफ़ा इश्क
Dipak Kumar "Girja"
मुझे याद🤦 आती है
मुझे याद🤦 आती है
डॉ० रोहित कौशिक
आप की असफलता में पहले आ शब्द लगा हुआ है जिसका विस्तृत अर्थ ह
आप की असफलता में पहले आ शब्द लगा हुआ है जिसका विस्तृत अर्थ ह
Rj Anand Prajapati
बाबुल
बाबुल
Neeraj Agarwal
शिखर के शीर्ष पर
शिखर के शीर्ष पर
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
आदमी की संवेदना कहीं खो गई
आदमी की संवेदना कहीं खो गई
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सागर से दूरी धरो,
सागर से दूरी धरो,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
साहिल पर खड़े खड़े हमने शाम कर दी।
साहिल पर खड़े खड़े हमने शाम कर दी।
Sahil Ahmad
21-- 🌸 और वह? 🌸
21-- 🌸 और वह? 🌸
Mahima shukla
नजर और नजरिया
नजर और नजरिया
Dr. Kishan tandon kranti
आप सभी को रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं
आप सभी को रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं
Lokesh Sharma
फिर आई स्कूल की यादें
फिर आई स्कूल की यादें
Arjun Bhaskar
सब्जी के दाम
सब्जी के दाम
Sushil Pandey
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
To be Invincible,
To be Invincible,
Dhriti Mishra
2346.पूर्णिका
2346.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मैं उसको जब पीने लगता मेरे गम वो पी जाती है
मैं उसको जब पीने लगता मेरे गम वो पी जाती है
कवि दीपक बवेजा
मौन धृतराष्ट्र बन कर खड़े हो
मौन धृतराष्ट्र बन कर खड़े हो
DrLakshman Jha Parimal
पुस्तकें
पुस्तकें
डॉ. शिव लहरी
दोस्ती
दोस्ती
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
*राजा राम सिंह चालीसा*
*राजा राम सिंह चालीसा*
Ravi Prakash
शुभ मंगल हुई सभी दिशाऐं
शुभ मंगल हुई सभी दिशाऐं
Ritu Asooja
औरत तेरी गाथा
औरत तेरी गाथा
विजय कुमार अग्रवाल
बोये बीज बबूल आम कहाँ से होय🙏🙏
बोये बीज बबूल आम कहाँ से होय🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
14- वसुधैव कुटुम्ब की, गरिमा बढाइये
14- वसुधैव कुटुम्ब की, गरिमा बढाइये
Ajay Kumar Vimal
गंगा- सेवा के दस दिन (सातवां दिन)
गंगा- सेवा के दस दिन (सातवां दिन)
Kaushal Kishor Bhatt
भाग्य निर्माता
भाग्य निर्माता
Shashi Mahajan
Loading...