मानवता
मानवता का यह सफर,
हर रूप में है प्यारा।
दर्द में भी साथ निभाना,
प्रेम से जीना, प्रेम से जाना।
मधुर भाषा, शरीर की सेवा,
नेकी की राह में चलना।
दुःख में भी मुस्कुराना,
यही है मानवता का ज्ञान।
भूख से लड़ाए, प्यार से बाँटे,
दर्द को दूर कर खुशी बनाते।
मानवता के इस पवित्र रूप को,
सदा नमन, सदा सम्मान।