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20 Jun 2022 · 1 min read

मानवता का

दया के पावन भाव से
मानवता का श्रृंगार किया जाए
क्षमा के जैसे दान का
ह्रदय से सम्मान किया जाए
ईष्या,क्रोध,काम-वासना
भावनाओं को विराम दिया जाए
जीवन पतन के कारणों का
परित्याग किया जाए।

-डाॅ फौज़िया नसीम शाद

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