मानवता और दहशतगर्द
दिनांक 16/2/19
मानवता के हत्यारे
मानवता तब
चूर चूर हो गयी
जब लिपटे
वीर जवान
तिरंगे में
दहशतगर्दों का
क्या है काम
इन्सानो की
इस दुनिया में ?
क्या
नहीं सोचते यह
मानवता के
ये हत्यारे
उनके घर नहीं है
माँ बहन बेटी बहू
या फिर नहीं गूंजती
उनके घर
बच्चों की किलकारियां ?
शायद बिना
माँ के
पैदा हुए थे वे
” शैतान ” है नाम उनका
सैनिकों !
अब बन जाओ
काल
उन मानवता के
हत्यारों के !
स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव
भोपाल