माननीयों से जनता का सबाल
माननीय का व्यवहार देख
रह गए हतप्रद और भोंचक्के
क्या विधानसभाओं और संसद में
घुस गए गुंडे चोर उचक्के ?
विधानसभाएं राज्य का दर्पण
संसद देश का दर्पण होती है
क्या सारी समाज के मूल्य गिरे
ऐंसी प्रतीति होती है ?
गाली गलौज और मारपीट
जैसे गुंडे मवाली करते हैं
भ्रष्टाचार चंदा उगाही
क्या माननीयों के आचरण हैं?
शीघ्र सुधारो आचरण अपने
दुनिया सब देख रही है
माननीय कहें या कहें और कुछ
जनता का प्रश्न यही है ?
सुरेश कुमार चतुर्वेदी