मानते हो क्यों बुरा तुम , लिखे इस नाम को
मानते हो क्यों बुरा तुम, लिखे इस नाम को।
करना सीखो तुम भी याद, लिखे इस नाम को।।
मानते हो क्यों बुरा तुम————————–।।
मैं नहीं लूँ अगर यह नाम तो, मैं किसको याद करुँ।
क्यों नहीं करते हो प्यार तुम, लिखे इस नाम को।।
मानते हो क्यों बुरा तुम————————–।।
मेरे लिए तो खुदा है, मेरे दोस्तों यह हिंदुस्तान।
इसलिए कहता हूँ मालिक, लिखे इस नाम को।।
मानते हो क्यों बुरा तुम————————–।।
राम,रहीम, कृष्ण,नानक, जन्मे हैं सभी यहीं पर।
दी है उन्होंने भी तवज्जोह, लिखे इस नाम को।।
मानते हो क्यों बुरा तुम————————–।।
यह तुम्हारी हस्ती भी तो, आबाद है इसी हिन्द से।
सिर झुकाकर सलाम करो तुम, लिखे इस नाम को।।
मानते हो क्यों बुरा तुम————————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)