Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
DR.MDHU TRIVEDI
157 Followers
Follow
Report this post
30 Dec 2019 · 1 min read
माथे पर टीका
माथ पर टीका सजा अब
आँख सुरमा भी लगा अब
चल रहा है प्रेम परसंग
हाथ मेंहदी तू सजा अब
Language:
Hindi
Tag:
मुक्तक
Like
Share
72 Likes
· 323 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
मधु अँजुरी (काव्य संग्रह)
Dr. Madhu Trivedi
You may also like:
जीवन
लक्ष्मी सिंह
नया नया अभी उजाला है।
Sachin Mishra
बढ़ी शय है मुहब्बत
shabina. Naaz
--: पत्थर :--
Dhirendra Singh
मुझे याद रहता है हर वो शब्द,जो मैंने कभी तुम्हारें लिए रचा,
पूर्वार्थ
नर को न कभी कार्य बिना
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
"झूठी है मुस्कान"
Pushpraj Anant
विश्व भर में अम्बेडकर जयंती मनाई गयी।
शेखर सिंह
*छलने को तैयार है, छलिया यह संसार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
2683.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेरा शहर
विजय कुमार अग्रवाल
नव भारत निर्माण करो
Anamika Tiwari 'annpurna '
हालातों का असर
Shyam Sundar Subramanian
अंजान बनकर चल दिए
VINOD CHAUHAN
कर लो कभी
Sunil Maheshwari
सूरज - चंदा
Prakash Chandra
यूं ही नहीं होते हैं ये ख्वाब पूरे,
Shubham Pandey (S P)
कलियुग में सतयुगी वचन लगभग अप्रासंगिक होते हैं।
*प्रणय प्रभात*
राम नाम सर्वश्रेष्ठ है,
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
संस्कार
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
"जवाब"
Dr. Kishan tandon kranti
“आँख के बदले आँख पूरी दुनिया को अँधा बना देगी”- गांधी जी
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
रहस्य-दर्शन
Mahender Singh
ऐ जिंदगी
अनिल "आदर्श"
एक बार हीं
Shweta Soni
निंदा से घबराकर अपने लक्ष्य को कभी न छोड़े, क्योंकि लक्ष्य म
Ranjeet kumar patre
मेरे तात !
Akash Yadav
कारक पहेलियां
Neelam Sharma
ज़ेहन पे जब लगाम होता है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
पिता के नाम पुत्री का एक पत्र
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
Loading...