मात-पिता की सेवा करना –आर के रस्तोगी
मात-पिता की सेवा करना,उनको कभी कष्ट देना नहीं |
जैसा बोओगे वैसा काटोगे,उनको कभी रुष्ट करना नहीं ||
तुमने हमारा क्या किया है,ये तुम उनको कभी कहना नहीं |
जब तक तुम माँ-बाप नहीं बनोगे,ये बात समझ आना नहीं ||
ये तुम्हारे भगवान तुल्य है,इनका अनादर कभी करना नहीं |
ले लो तुम उनका आशीर्वाद,मर जायेगे ये कभी मिलना नहीं ||
ये रिश्ता है सबसे बड़ा रिश्ता,इससे बड़ा संसार में रिश्ता नहीं |
इनकी करो तन मन से सेवा, संसार में इससे बड़ी पूजा नहीं ||
उठो सबेरे चरण छुओ इनके,इससे कभी तुम चूकना नहीं |
देते है आशीष लेते कुछ नहीं,इनको कभी तुम रूठाना नहीं ||
मात-पिता की सेवा करना,इससे बड़ा कोंई परोपकार नहीं |
कर लो कितने भी उपकार,इससे बड़ा कोंई संस्कार है नहीं ||
आर के रस्तोगी