मात्र एक पल
असमर्थता की दुहाई,
मात्र एक पल के लिये…?
जीवन तो नहीं मांगा
चलो यदि मांग भी लिया
तो बुरा क्या है?
इतनी गहन सोच ?
मामला क्या है…
कोई प्रतिबंध नहीं है
पर यह न कहना
कि सम्बन्ध नहीं है
उत्तर दो , न दो
मन है तुम्हारा
जैसे सोच तुम्हारी
जैसे विचार तुम्हारा
पर मन संशय में है
कि शताब्दियों से ये
तुम्हारे आश्रय में है
चलो यदि नहीं है
तो डरना कैसा
अब टूटने के पूर्व
ही बिखरना कैसा
और यदि डर नहीं है
मन भी है सम्बन्ध भी
तो दुहाई क्यों
मन मे तुम्हारे
बात ये आयी क्यों
वो भी
मात्र एक पल के लिये…
अजय मिश्र